केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को शहर में फुटपाथों और सड़कों पर फ्लेक्स बोर्डों के प्रसार के लिए कोच्चि निगम को फटकार लगाई और पूछा कि नागरिक एजेंसी इस संबंध में जुर्माना क्यों नहीं लगा रही है। यह एमिकस क्यूरी द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के मद्देनजर आया है, जिसमें शहर में 1,000 से अधिक ऐसे अवैध बोर्डों का हवाला दिया गया है।
फुटपाथों और सड़कों पर अतिक्रमण करने वाले अवैध बोर्डों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर विचार करते समय अदालत ने यह भी सोचा कि क्या निगम उन राजनीतिक दलों से डर गया था जिन्होंने अधिकांश फ्लेक्स बोर्ड लगाए थे। इसमें पूछा गया कि जिन राजनेताओं पर इस तरह की प्रथाओं को रोकने की बड़ी जिम्मेदारी थी, वे एर्नाकुलम-वाइकोम रोड सहित अन्य जगहों पर लापरवाही से फ्लेक्स बोर्ड क्यों लगा रहे थे।
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मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को तय की गई है।